प्रमुख कृतियाँ हैं
आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं मोहभंग (कहानी संग्रह), लछमी जगार (बस्तर का लोक महाकाव्य), बस्तर का लोक साहित्य (लोक साहित्य), चलो चलें बस्तर (बाल साहित्य), बस्तर के तीज त्यौहार (बाअ साहित्य), राजा और बेल कन्या (लोक साहित्य), बस्तर की गीति कथाएँ (लोक साहित्य), धनकुल (बस्तर का लोक महाकाव्य), बस्तर के धनकुल गीत (शोध विनिबन्ध)। इतना ही नहीं आपने बस्तर की मौखिक कथाए (लोक साहित्य) के अलावा घूमर (हल्बी साहित्यिक पत्रिका), प्रस्तुति, (लघुपत्रिका), एवं ककसाड (लघु पत्रिका) का सम्पदन भी किया है।
विदेश में बस्तर का मान बढ़ाया है।
सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत ऑस्ट्रेलियन नेशनल युनिवर्सिटी के आमंत्रण पर 1991 में आस्ट्रेलिया,
लेडिग-रोव्होल्ट फाउंडेशन के आमंत्रण पर 2000 में स्विट्जरलैंड तथा
दी राकेफेलर फाउंडेशन के आमंत्रण पर 2002 में इटली जाकर बस्तर का प्रतिनिधित्व किया।
इतना ही नहीं आपने स्काॅटलैंड की एनिमेशन संस्था “हाईलैंड एनिमेशन” के साथ मिल कर बस्तरिया लोक भाषा हल्बी की पहली एनिमेशन फिल्म का निर्माण किया।
वर्तमान में कोण्डागांव सरगीपारा में रहते हैं।
बस्तर के लोक गीतों के अनुवाद में इनका बहुत ज्यादा समय बीता है। हरिहर वैष्णव वन विभाग में लेखाकार थे । और रिर्टायमेंण्ट के चार साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृति ले लिया । और साहित्य शोध करने लगे।
पुरस्कार एवं सम्मान-
हरिहर वैष्णव को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उल्लेखनीय सम्मानों में छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद् का उमेश शर्मा साहित्य सम्मान, 2009
दुष्यन्त कुमार स्मारक संग्रहालय का आंचलिक साहित्यकार सम्मान, 2009
छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पं. सुन्दरलाल शर्मा साहित्य सम्मान, 2015, वेरियर एल्विन प्रतिष्ठा अलंकरण, 2015, साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान 2015
2021 में कोण्डागाँव में इनका निधन हो गया । (updated on 23/9/2021)
जानिए घोटुल के बारे में
हरिहर वैष्णव का लेख :
बस्तर की गोंड जनजाति का विश्वविद्यायल: घोटुल
मिलिए !
बीजापुर के कार्तिक से जिसने याराना वेबसीरिज और अक्षय कुमार की केसरी में काम किया है
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