राजकुमार काॅलेज
1882 में इसकी स्थापना हई यह पहले जबलपुर में था 1892 रायपुर स्थानांतरित किया गया । इसे पहले राजकुमार स्कूल कहा जाता था। 1894 को यह राजकुमार काॅलेज बना। 1939 तक केवल राजकुमार ही इसमें पढ़ा करते थे। बाद में यह पब्लिक स्कूल बना।अपने भव्य भवन निर्माण के कारण यह आकर्षण का केन्द्र रहा है। इस भवन के अंदर कुछ पुराने भवन भी हैं । एक भवन 1958 का है जिसमें अंग्रेजों के राजनीतिक प्रतिनिधी या एजेण्ट रहा करते थे।
विवेकानंद आश्रम
जुलाई 1957 में स्वामी आत्मानंद के प्रयत्नों से रामकृष्ण सेवाश्रम समिति का गठन किया गया । यह आश्रम भव्य और काफी सुंदर है। आश्रम के अंदर ही एक अस्पताल और ग्रंथालय है । वर्तमान में यह आश्रम रामकृष्ण मिशन से संबंधित है।
मोती बाग
कंपनी बाग के नाम से अंग्रेजों द्वारा रायपुर में उद्यान बनाया गया जिसे वर्तमान में स्वर्गीय मोतीलाल नेहरू के नाम पर मोती बाग का नाम दिया गया है। इसके सामने वाले हिस्से में रवींद्र भवन है। इसी जगह पर सांस्कृतिक आयोजित होते हैं। इस परिसर में ही प्रेस क्लब है। यह रायपुर का प्रसिद्ध उद्यान है।
विवेकानन्द सरोवर
आदिवासियों के इष्ट देव बूढ़ा देव के नाम पर इसे बूढ़ा तालाब भी कहा जाता है। इसे आकर्षक बनाने के लिए नगर निगम ने झूले फव्वारे इत्यादि लगाए हैं । विवेकानन्द सरोवर यह रायपुर का पुराना सरोवर है। इसे बूढ़ा तालाब भी कहा जाता है। इसे वर्तमान में विवेकानन्द सरोवर या नीलाभ उद्यान कहा जाता है। इस तालाब के बीच द्वीप पर एक खूबसूरत उद्यान बनाया जाता है।